Happy B'day KL Rahul: धोनी के आखिरी टेस्ट मैच में राहुल ने किया था डेब्यू
टीम इंडिया के स्टायलिस्ट बल्लेबाज लोकेश राहुल अपना 28वां जन्मदिन मना रहे हैं। राहुल का जन्म 18 अप्रैल 1992 को मैंगलुरु में हुआ था। राहुल का क्रिकेटिंग करियर उतार-चढ़ाव भरा रहा है। राहुल ने 2014 में टेस्ट डेब्यू किया था, लेकिन इसके बाद पहला वनडे इंटरनेशनल और टी20 इंटरनेशनल मैच खेलने के लिए उन्हें करीब दो साल का इंतजार करना पड़ा था। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने हाल के दिनों लिमिटेड ओवर क्रिकेट में भारत के लिए विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका भी निभाई है। राहुल ने अपनी बल्लेबाजी के साथ-साथ विकेटकीपिंग स्किल्स से भी काफी प्रभावित किया है।
राहुल को आने वाले समय में महेंद्र सिंह धोनी के विकल्प के रूप में भी देखा जाने लगा है। धोनी और उनसे जुड़ा एक किस्सा है, जो शायद बहुत कम लोग जानते हैं। राहुल ने अपना पहला टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया में 2014 में खेला था। राहुल को टेस्ट कैप उस समय के कप्तान धोनी ने ही थमाई थी। यह संयोग है कि वो धोनी का आखिरी टेस्ट मैच भी था। राहुल पहली पारी में 3 और दूसरी पारी में महज 1 रन बनाकर आउट हुए थे।
राहुल के नाम क्रिकेट के कुछ बड़े रिकॉर्ड्स दर्ज हैं, एक नजर उनके रिकॉर्ड्स पर-
राहुल इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने सलामी बल्लेबाज के तौर पर डेब्यू टेस्ट और डेब्यू वनडे इंटरनेशनल दोनों में सेंचुरी ठोकी है। ऑस्ट्रेलिया में डेब्यू टेस्ट के बाद उन्होंने अपना दूसरा टेस्ट मैच सलामी बल्लेबाज के तौर पर खेला था और 110 रन बनाए थे। 2016 में जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे इंटरनेशनल में डेब्यू मैच में उन्होंने पारी का आगाज किया था और नॉटआउट 100 रन बनाए थे।
राहुल इकलौता भारतीय क्रिकेटर हैं, जिन्होंने अपने डेब्यू वनडे इंटरनेशनल मैच में सेंचुरी ठोकी हो।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सबसे तेज पचासा राहुल के नाम दर्ज हैं, उन्होंने 14 गेंद पर फिफ्टी जड़ी थी।
राहुल भारत के लिए टेस्ट, वनडे इंटरनेशनल और टी20 इंटरनेशनल तीनों फॉर्मैट में सेंचुरी ठोक चुके हैं। ऐसा करने वाले वो महज तीसरे भारतीय बल्लेबाज हैं। सुरेश रैना और रोहित शर्मा बाकी दो ऐसे क्रिकेटर हैं, जो यह कारनामा कर चुके हैं।
केएल राहुल 20 पारियों में तीनों फॉर्मैट में सेंचुरी जड़ चुके थे, सबसे कम पारियों में ऐसा करने वाले वो दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं, उन्होंने इस मामले में पाकिस्तान के अहमद शहजाद का रिकॉर्ड तोड़ा था। अहमद शहजाद ने 76 पारियों में ऐसा किया था।
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